Meer Taqi Meer Shayari

मोहब्बत की चाशनी में डूबे मीर तक़ी मीर के 10 बेहतरीन शेर- इश्क है इश्क करने वालों को, कैसा कैसा बहम क्या है इश 🌹
मीर तक़ी मीर की शायरी – Meer Taqi Meer Shayari
मीर तक़ी मीर उर्दू भाषा के उन लोकप्रिय शायरों में से थे, जिन्हें “ख़ुदा-ए-सुख़न” के नाम से भी जाना जाता है। मीर तक़ी मीर 18वीं सदी के दिल्ली घराने के प्रमुख शायरों में एक थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं में प्रेम, जीवन, दर्शन और सामाजिक मुद्दों का बखूबी चित्रण किया था। मीर तक़ी मीर की शायरी युवाओं का मार्गदर्शन करने के साथ-साथ उन्हें सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करेंगी। मीर तक़ी मीर के शेर, शायरी और ग़ज़लें विद्यार्थियों को उर्दू साहित्य की खूबसूरती से परिचित करवाएंगी। इस ब्लॉग के माध्यम से आप कुछ चुनिंदा Meer Taqi Meer Shayari पढ़ पाएंगे, जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का सफल प्रयास करेंगी।
मीर तक़ी मीर की शायरी पढ़कर युवाओं में साहित्य को लेकर एक समझ पैदा होगी, जो उन्हें उर्दू साहित्य की खूबसूरती से रूबरू कराएगी, जो इस प्रकार है:
Meer Taqi Meer Shayari 🌹🌹
राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या आगे आगे देखिए होता है क्या…” -मीर तक़ी मीर “पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है…” -मीर तक़ी मीर “कोई तुम सा भी काश तुम को मिले मुद्दआ हम को इंतिक़ाम से है…” -मीर तक़ी मीर “हम हुए तुम हुए कि ‘मीर’ हुए उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए…” -मीर तक़ी मीर “उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया…” -मीर तक़ी मीर “मिरे सलीक़े से मेरी निभी मोहब्बत में तमाम उम्र मैं नाकामियों से काम लिया…” -मीर तक़ी मीर “इश्क़ में जी को सब्र ओ ताब कहाँ उस से आँखें लड़ीं तो ख़्वाब कहाँ…” -मीर तक़ी मीर “इश्क़ माशूक़ इश्क़ आशिक़ है यानी अपना ही मुब्तला है इश्क़…” -मीर तक़ी मीर “यही जाना कि कुछ न जाना हाए सो भी इक उम्र में हुआ मालूम…” -मीर तक़ी मीर “’मीर’ बंदों से काम कब निकला माँगना है जो कुछ ख़ुदा से माँग…” -मीर तक़ी मीर https://novelsoul.org/