Narazgi Shayari in Hindi : नमस्कार दोस्तों , यहाँ आप के लिए प्रस्तुत है नाराज़गी शायरी इन हिंदी। अगर आपका दिल टुटा है या किसी ने दिल दुखाया है तो इस शायरी का प्रयोग करके अपने भावनाओं को आप व्यक्त कर सकते है।

Narazgi Shayari in Hindi

नाराजगी वहाँ मत रखिएगा मेरे यार,
जहाँ आपको खुद बताना पड़े … आप नाराज हैं

जहाँ नाराजगी की कद्र न हो
वहाँ नाराज होना छोड़ देना चाहिये

या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से
कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है

इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले
वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते

इंसान की हर बात खामोशी से मान लेना
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का

ना आँखों में चमक  ना होंठों पर कोई हलचल है ,
तेरी नाराजगी का ऐसा असर है कि अब तो गम हर पल है

चुप रहो तो पूछता है ख़ैर है
लो ख़मोशी भी शिकायत हो गई

मैं ज़िंदगी के मेले में गुम हूँ, मुझे रास्ता मत दिखाओ।
मैं खुद के इश्क़ में गुम हूँ, मुझे बेवफाओं से मत मिलाओ।

अगर तेरी नाराज़गी, तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे, मुझे मानना नहीं जरुरी है।

इश्क़ करने की इकलौती शर्त है
दोनों लोगों को नाराज़ होने का हक़ है।

Misunderstandings and disagreements often leave a lasting impact on relationships, making heartfelt expressions crucial for reconciliation. Just as well-crafted Narazgi Shayari bridges the emotional gap, individuals seeking solutions for personal growth often explore options like fitness or health supplements. Many turn to platforms offering the convenience to buy testosterones online, aiming to achieve balance and vitality. This parallel underscores the importance of addressing gaps—whether in relationships or personal well-being—with thoughtfulness and care.

नाराजगी शायरी 2 लाइन

तुम रूठो तो, तुम्हे मनाने आ जाएंगे
हम रूठे भी तो बताओ किस के भरोसे

न जाना इतना भी दूर कि हम आपसे मिल न पायें,
करते रहना याद हमें , कहीं आपके दिल से हम निकल न जायें।

मेरी आवारगी को तुम नादानी न समझना,
जुदा जो हूं मैं तुमसे…सिर्फ तुम्हारी खुशी के लिए।

तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे…
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया

त पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना

तु हर साँस के साथ याद आती है
अब तु ही बता तेरी याद को रोक दूँ या अपनी साँस को

झगड़ा तब होता है जब शिकायत होती है

और शिकायतें उनसे होती है जिनसे प्यार होता है

मुस्कुराने से भी होता है ग़में-दिल बयां
मुझे रोने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं

न जाने किस बात पे नाराज हैं वो हमसे…..!!
ख्वाबों में भी मिलती है तो बात नहीं करती….!!

किस बात पे खफा हो, नाराज लग रहे हो…
लगते हो जैसे हरदम, ना आज लग रहे हो ।

नाराज़ होते हो तो ख़याल रखना,
दिल टूट जाता है तुम्हारी नाराजगी से।

चेहरे पर मुस्कान है, पर दिल उदास है,
तुम्हारी नाराज़ी से ये ज़िंदगी बेहाल है।

नाराजगी में भी है कुछ ख़ास बातें,
मोहब्बत का इज़हार होता है सबसे अलग।

नाराजगी शायरी वो है जो प्यार, दोस्ती, और रिश्तों के दरमियान उत्पन्न होने वाली तकलीफों और भावनाओं को व्यक्त करती है। यह शायरी उस व्यक्ति के भावनाओं को व्यक्त करती है जो नाराज होता है या जिसे नाराज किया जाता है। यह शायरी अक्सर उस व्यक्ति के दर्द, उसकी तकलीफ और उसकी असंतोषजनक स्थिति को व्यक्त करती है। इसमें गहराई से भावनात्मक रूप से जिज्ञासा, दुख, और उम्मीद का एक संगम होता है। नाराजगी शायरी आमतौर पर उस वक्त उत्पन्न होती है जब कोई रिश्ता टूट जाता है या किसी समस्या का सामना होता है। मुझे आशा है की आप लोगों के ये नाराज़गी शायरी जरूर पसंद आया होगा।