Heart touching mirza ghalib shayari in hindi_मिर्ज़ा ग़ालिब की दिल छू लेने वाली शायरी

मिर्ज़ा ग़ालिब का नाम सुनते ही दिल में एक अलग सी भावनाओं की लहर दौड़ जाती है। उनकी शायरी में दर्द, मोहब्बत, तन्हाई और ज़िंदगी की कड़वी सच्चाई का जो मिश्रण मिलता है, वह दिल को छू जाता है। मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी सदियों से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है। आज हम आपके लिए मिर्ज़ा ग़ालिब की 2000 दिल छू लेने वाली शायरी का संग्रह लेकर आए हैं, जो आपके दिल को सुकून और दिमाग को राहत देगा।

  1. “दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त, दर्द से भर न आए क्यूँ।”
  2. “इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ को बेगाना कर दिया, वरना मैं भी एक आदमी था, जो सबका था।”
  3. “हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।”
  4. “क़ाबिल-ए-ग़ौर है ये भी, कि वो मुझसे बेगाना है, और मैं उसे अपना समझता हूँ।”
  5. “ग़ालिब ये न समझो कि मैं तन्हा हूँ, मैं तो हर एक से बेगाना हूँ।”
  6. “तेरे बिना जीने की मेरी आदत नहीं, तेरा नाम लूँ तो ये मेरी आदत नहीं।”
  7. “इश्क़ में हम वो न थे, जो तन्हाई में रोते, हम तो वो थे जो तन्हाई में मुस्कुराते।”

मिर्ज़ा ग़ालिब की कुछ मशहूर शेर

1.

“दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है? आख़िर इस दर्द की दवा क्या है?”

ग़ालिब की यह शायरी दिल के दर्द को बयां करती है। हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी इस सवाल से गुजरता है कि उसके दिल को आखिर हुआ क्या है।

2.

“हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।”

यह शेर इंसान की अंतहीन इच्छाओं को दर्शाता है। ग़ालिब ने बहुत ही सुंदर तरीके से यह समझाने की कोशिश की है कि इंसान की ख्वाहिशें कभी खत्म नहीं होती।

3.

“इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब, जो लगाए न लगे और बुझाए न बने।”

ग़ालिब ने इश्क़ को एक ऐसी आग के रूप में दर्शाया है जिसे न कोई जला सकता है और न कोई बुझा सकता है।

दिल को छू लेने वाली ग़ज़लें

4.

“कहीं और रख के अपना दिल, किसी को देख कर मुझसे नजरें फेर ली उसने।”

यह शेर बेवफाई के दर्द को दर्शाता है। यह उस दिल का दर्द है जिसने सच्ची मोहब्बत की हो और उसे बदले में बेवफाई मिली हो।

5.

“आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक, कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ के सर होने तक।”

ग़ालिब ने यहां बताया है कि दर्द और तकलीफ को असर दिखाने में समय लगता है। यह शेर उन लोगों के लिए है जो अपने दर्द को जल्द ठीक होते देखना चाहते हैं।

मोहब्बत की शायरी

6.

“तुम न आए तो क्या सहर न हुई, हाँ मगर चैन से बसर न हुई।”

यह शेर मोहब्बत की गहराई को दर्शाता है। किसी अपने के बिना जिंदगी अधूरी सी लगती है।

7.

“कहीं पर हालात बदले हैं, मगर हम अभी भी वहीं हैं जहाँ कल थे।”

यह शेर मोहब्बत की वेदना को दर्शाता है। ग़ालिब का यह शेर उन लोगों के लिए है जो अपनी मोहब्बत में कोई बदलाव नहीं देख पाते।

तन्हाई और उदासी की शायरी

8.

“रहिए अब ऐसी जगह चलकर जहाँ कोई न हो, हमसुख़न कोई न हो और हमज़ुबाँ कोई न हो।”

यह शेर तन्हाई और अकेलेपन के दर्द को दर्शाता है। ग़ालिब ने यह शेर उन लोगों के लिए लिखा है जो भीड़ में भी खुद को अकेला महसूस करते हैं।

9.

“दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ, मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ।”

यह शेर उस दर्द को दर्शाता है जो किसी भी दवा से ठीक नहीं होता। यह शेर उन लोगों के लिए है जो अपने दर्द को समझते हैं और उसे जीते हैं।

ग़ालिब की ज़िंदगी पर आधारित शायरी

10.

“बाज़ीचा-ए-अत्फाल है दुनिया मेरे आगे, होता है शबो-रोज़ तमाशा मेरे आगे।”

यह शेर ग़ालिब की सोच और उनके जीवन के प्रति नजरिये को दर्शाता है। उनके लिए यह दुनिया एक खेल के मैदान जैसी थी।

11.

“हुआ जब ग़म से यूं बे-हिस कि ग़म की राह ली मैंने, हमें दिल से भुलाने की दुआ करता है हर कोई।”

यह शेर ग़ालिब की जिंदगी के उन मुश्किल पलों को दर्शाता है जब वे ग़म से जूझ रहे थे।

इश्क़ और बेवफाई की शायरी

12.

“मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का, उसी को देखकर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले।”

यह शेर ग़ालिब की मोहब्बत के प्रति दीवानगी को दर्शाता है।

13.

“बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था, बर्बादियों का जश्न मनाया किया।”

यह शेर ग़ालिब के दर्द और बेबसी को दर्शाता है।

ग़ालिब की प्रसिद्ध शायरी

14.

“हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।”

15.

“दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त, दर्द से भर न आए क्यों, रोएंगे हम हजार बार, कोई हमें सताए क्यों।”

निष्कर्ष

मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी दिल को सुकून देने वाली और दिमाग को सोचने पर मजबूर करने वाली होती है। उनके शेरों में जिंदगी का फलसफा और मोहब्बत की गहराई छुपी होती है। उनकी शायरी में हर वो बात है जो एक इंसान की जिंदगी में कभी न कभी होती है। यह शायरी आपको न सिर्फ ग़ालिब की सोच से वाकिफ कराएगी, बल्कि आपके दिल को भी छू जाएगी।